देसीटून्ज़

जनवरी 31, 2007

चाय-पानी का खर्चा निकले तो आखिर किधर से…

Filed under: आदम और हव्वा..., सामाजिक — raviratlami @ 5:26 पूर्वाह्न

आदम और हव्वा…resize-of-chai.JPG

5 टिप्पणियां »

  1. सामनेवाले वाले से वसुलते है, अपना भी और उसका भी. और क्या.

    टिप्पणी द्वारा संजय बेंगाणी — जनवरी 31, 2007 @ 6:30 पूर्वाह्न

  2. वो अपोजिट पार्टी से लेते होंगे न।

    टिप्पणी द्वारा rachanabajaj — जनवरी 31, 2007 @ 9:38 पूर्वाह्न

  3. क्षमा कीजिए, ऊपर रचना जी के नाम से मेरी टिप्पणी छ्प गई।

    टिप्पणी द्वारा Shrish — जनवरी 31, 2007 @ 9:48 पूर्वाह्न

  4. हा हा!!

    कहीं से भी लायें, इससे क्या. बस ध्यान रह, जब चाय पीने की इच्छा हो तो होटल न जाकर थाने पहुँच कर कोई शिकायत लिखवा आओ. 🙂

    टिप्पणी द्वारा समीर लाल — जनवरी 31, 2007 @ 12:06 अपराह्न

  5. समीर जी की टिप्पणी बहुत अच्छी लगी। अमल किया जाये।

    टिप्पणी द्वारा Dr.bhawna — फ़रवरी 8, 2007 @ 8:02 पूर्वाह्न


RSS feed for comments on this post. TrackBack URI

Leave a reply to rachanabajaj जवाब रद्द करें

वर्डप्रेस (WordPress.com) पर एक स्वतंत्र वेबसाइट या ब्लॉग बनाएँ .